GST में रिवर्स चार्ज क्या होता है?

रिवर्स चार्ज (Reverse Charge) का मतलब होता है कि GST टैक्स देने की ज़िम्मेदारी सप्लायर की जगह ग्राहक (जो माल या सेवा ले रहा है) पर होती है।

सामान्य स्थिति में:
जब आप कोई चीज़ खरीदते हैं या सेवा लेते हैं, तो GST बेचने वाला (सप्लायर) सरकार को देता है और वो आपसे वसूलता है।

रिवर्स चार्ज में:
ग्राहक (Recipient) को सीधे सरकार को GST जमा करना होता है।


📌 GST में रिवर्स चार्ज कब लगता है?

1. कुछ खास सेवाओं और सामान पर

सरकार ने कुछ ऐसी सेवाएं और चीज़ें तय की हैं जिन पर रिवर्स चार्ज लगता है। जैसे:

  • वकीलों (Advocates) से ली गई लीगल सेवा

  • ट्रांसपोर्ट सेवा (जैसे GTA – Goods Transport Agency)

  • स्पॉन्सरशिप सेवाएं

2. अगर आप किसी अनरजिस्टर्ड व्यापारी से खरीदारी करें

अगर आप GST में रजिस्टर्ड हैं और किसी Unregistered व्यक्ति से सामान या सेवा लेते हैं, तो रिवर्स चार्ज लग सकता है (कुछ शर्तों के साथ)।

3. ई-कॉमर्स ऑपरेटर के मामले में

जैसे Ola, Uber, Zomato — अगर इनके माध्यम से कोई सेवा दी जा रही है, तो कुछ मामलों में ई-कॉमर्स ऑपरेटर को GST देना होता है (Reverse Charge के तहत)।


🧾 एक उदाहरण से समझिए:

मान लीजिए आप एक कंपनी चलाते हैं और आपने एक वकील से सलाह ली।
अब वो वकील GST के अंतर्गत रजिस्टर्ड नहीं है या उस पर रिवर्स चार्ज लागू होता है, तो आपको उस वकील की फीस पर GST खुद जमा करना होगा।
यानी – अब टैक्स देने वाला आप हो गए, ना कि वकील


रिवर्स चार्ज में टैक्स कैसे जमा करें?

  1. आपको खुद से Self-Invoice बनाना होता है।

  2. GST का भुगतान कैश से करना पड़ता है, ITC (Input Tax Credit) का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

  3. बाद में अगर ये खर्च बिज़नेस से जुड़ा है, तो आप Input Tax Credit (ITC) ले सकते हैं।

उदाहरण 1: कपड़े की दुकान और ट्रांसपोर्ट सेवा

स्थिति:
आप एक कपड़े की दुकान चलाते हैं और आपने एक ट्रांसपोर्टर से माल मंगवाया है।

🤔 सवाल: क्या इस पर रिवर्स चार्ज लगेगा?

✅ जवाब: हां, लग सकता है, अगर ट्रांसपोर्ट सेवा GTA (Goods Transport Agency) के तहत आती है।


🔎 समझिए:

  • GTA मतलब कोई ऐसा ट्रांसपोर्टर जो आपको माल की डिलीवरी के लिए कंसाइनमेंट नोट (consignment note) देता है।

  • अगर वो ट्रांसपोर्टर GST रजिस्टर्ड है, तो वह खुद GST ले सकता है।

  • लेकिन अगर GTA ने GST चार्ज नहीं किया और रिवर्स चार्ज की शर्तें पूरी होती हैं (जैसे आपकी दुकान GST में रजिस्टर्ड है), तो आपको रिवर्स चार्ज के तहत GST खुद भरना होगा।

✅ क्या करना होगा?

  • ट्रांसपोर्ट बिल पर GST नहीं होगा, लेकिन आपको खुद से उस बिल पर GST की गणना करके सरकार को जमा करना होगा।

  • इसके बाद आप इसका Input Tax Credit (ITC) ले सकते हैं।


उदाहरण 2: IT कंपनी और वकील से ली गई सलाह

स्थिति:
आप एक IT कंपनी चलाते हैं और आपने एक वकील (advocate) से कानूनी सलाह ली।

🤔 सवाल: क्या इस पर रिवर्स चार्ज लगेगा?

✅ जवाब: हां, रिवर्स चार्ज जरूर लगेगा।


🔎 समझिए:

  • वकीलों की सेवाएं GST में रिवर्स चार्ज के तहत आती हैं, भले ही वकील GST में रजिस्टर्ड हो या न हो।

  • जैसे ही आप वकील से सेवा लेते हैं (मान लीजिए उसने आपको एक नोटिस ड्राफ्ट करने में मदद की), तो उस फीस पर GST आपको भरना होता है, न कि वकील को।

✅ क्या करना होगा?

  • मान लीजिए वकील ने ₹10,000 की फीस ली।

  • तो आपको 18% GST (₹1,800) खुद से सरकार को जमा करना होगा।

  • इसके बाद आप वो ₹1,800 अपने ITC में क्लेम कर सकते हैं (अगर वो सेवा बिज़नेस के लिए ली गई है)।

🔚 निष्कर्ष:



🔢 1. Reverse Charge पर GST Rate कितना होता है?

रिवर्स चार्ज में GST का रेट वही होता है जो उस वस्तु या सेवा पर सामान्य तौर पर लागू होता है।
कुछ सामान्य उदाहरण:

🧾 2. Reverse Charge के लिए चालान (Invoice) कैसे बनता है?

आपको दो दस्तावेज़ बनाने होते हैं:

1. Self-Invoice (स्व-चालान):

  • क्योंकि सप्लायर (जैसे वकील या ट्रांसपोर्टर) GST चार्ज नहीं कर रहा, तो आपको खुद चालान बनाना पड़ता है।

  • इसमें नीचे दी गई जानकारी होनी चाहिए:

    • Supplier का नाम और पता

    • आपकी कंपनी का नाम और GSTIN

    • Invoice नंबर और तारीख

    • सेवा का विवरण

    • वैल्यू (जैसे ₹10,000)

    • GST रेट (जैसे 18%)

    • कुल टैक्स अमाउंट

2. Payment Voucher:

  • जब आप सप्लायर को पेमेंट करते हैं, तो एक payment voucher बनाते हैं — यह RCM में जरूरी होता है।


🧾 3. GST Return में Reverse Charge कैसे दिखाएं?

GST Return – GSTR-3B में:

GST Return – GSTR-1 में:

Reverse Charge की इनवर्ड सप्लाई GSTR-1 में नहीं भरनी होती, क्योंकि वो Outward supply नहीं है।


🔁 Reverse Charge पर ITC कैसे लें?

  • आप जो GST रिवर्स चार्ज में भरते हैं, वो आप ITC के रूप में क्लेम कर सकते हैं, बशर्ते:

    • वह सेवा/सामान आपके बिज़नेस उपयोग के लिए हो।

    • आपने सही चालान और भुगतान दस्तावेज़ बनाए हों।

    • GST समय पर रिटर्न में दिखाया गया हो।


❗महत्वपूर्ण बातें:

  1. रिवर्स चार्ज में टैक्स आपको कैश से ही देना होता है, ITC से नहीं।

  2. अगर आप समय पर GST नहीं भरते, तो ब्याज और पेनल्टी भी लग सकती है।

  3. रिवर्स चार्ज के लिए रिकॉर्ड रखना जरूरी होता है – जैसे self invoice, payment voucher आदि।

Sample format of a Self-Invoice under Reverse Charge Mechanism (RCM)

🧾 SELF-INVOICE (Under Reverse Charge Mechanism)

Invoice No.: SI/2025/001
Invoice Date: 15-Jul-2025


🔹 Supplier (Service Provider) Details:

Name: Mr. Rajesh Verma
Address: 123 Civil Lines, New Delhi - 110001
GSTIN: N/A (Unregistered under GST)


🔹 Recipient (Your Business) Details:

Name: ABC Enterprises
Address: 45, MG Road, Mumbai - 400001
GSTIN: 27ABCDE1234F1Z5
State: Maharashtra
Place of Supply: Maharashtra

🔹 Details of Service Received:

Description of Service     HSN/SAC     Quantity     Rate     Amount (₹)
Legal consultancy fee     998212         1     ₹10,000     ₹10,000

🔹 Tax Payable under RCM:

🔹 Total Invoice Amount (incl. GST under RCM): ₹11,800

(To be paid to supplier: ₹10,000; To be paid to govt under RCM: ₹1,800)


Declaration:

This is a self-invoice generated under Section 31(3)(f) of the CGST Act, 2017, in accordance with the Reverse Charge Mechanism. GST has been paid by the recipient and not charged by the supplier.


Authorized Signatory
ABC Enterprises
(Signature & Stamp)